KHABAR BAAT AAPKI KHABAR BAAT AAPKI expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>
Powered By Blogger

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

Gratuity (ग्रेच्युटी) के नए नियम 2025

Gratuity new rules 2025 in Hindi

Gratuity (ग्रेच्युटी) के नए नियम 2025

Gratuity (ग्रेच्युटी) अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या किसी निजी कंपनी में काम करते हैं तो यह सभी के लिए लागू होती है। जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें Gratuity (ग्रेच्युटी) के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। चलिए इसके बारे में जानते हैं।

Gratuity (ग्रेच्युटी) क्या होती है ?

अगर आप सैलरी प्राप्त करने वाले कर्मचारी हैं, तो Gratuity (ग्रेच्युटी) क्या होती है इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए। Gratuity (ग्रेच्युटी) एक वित्तीय लाभ (Financial Benefit) है जो किसी कर्मचारी को उसके लंबे समय की सेवा के लिए रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने के बाद दिया जाता है।इसे धन्यवाद राशि भी कहा जाता है जो कर्मचारी के लंबे समय की सेवा के लिए नियोक्ता (Employer) की तरफ से दी जाती है। भारत सरकार ने Gratuity (ग्रेच्युटी) को Payment of Gratuity Act, 1972 के तहत नियंत्रित किया है। यह नियम उन संस्थानों पर लागू होता है जिनमें कर्मचारी संख्या 10 या उससे अधिक हो।

Gratuity (ग्रेच्युटी) पात्रता क्या है?

Gratuity (ग्रेच्युटी) पाने के लिए आपको कम से कम 5 साल लगातार सेवा करनी जरूरी है। तब आप Gratuity के लिए पात्र होते हैं। अगर कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता (Disablement) हो जाती है, तो 5 साल की सेवा पूरी न होने पर भी Gratuity दी जाती है।10 साल सेवा का फायदाअगर आपने 10 साल तक काम किया है, तो 5 साल बाद आपके Gratuity की रकम हर साल बढ़ती जाएगी।सेवा अवधि की गणना कैसे करें?आइए जानते हैं 10 साल में आपको कितना Gratuity मिलेगा:

 सेवा अवधि      कैलकुलेशन                      राशि     (₹)           
  5 साल      (30,000 × 15 × 5) ÷ 26       86,538 
  10 साल    (30,000 × 15 × 10) ÷ 26   1,73,076 

इस गणना के अनुसार आपकी Gratuity आपकी सेवा के वर्षों के अनुसार बढ़ेगी। अगर आपने किसी संस्था या कंपनी में 10 साल तक नौकरी की है, तो आपको पूरी तरह Gratuity प्राप्त करने का अधिकार है और यह कानूनी है कि नियोक्ता आपको Gratuity देने से मना नहीं कर सकता।

Gratuity की सीमा और टैक्स नियम 2025

2025 के अनुसार ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹20 लाख कर मुक्त है (Private Sector के लिए)। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी यह सीमा बढ़ा दी गई है, जो ₹20 लाख तक टैक्स फ्री होती है।यदि Gratuity की राशि इस सीमा से अधिक होती है, तो वह आयकर के तहत कर योग्य (Taxable) मानी जाएगी।

 यदि नियोक्ता Gratuity भुगतान में देरी करता है, तो उसे ब्याज भी देना पड़ सकता है।कर्मचारी के लिए सुझाव अपनी सेवा अवधि और वेतन स्लिप का रिकॉर्ड रखें।जाँच लें कि आपकी कंपनी Payment of Gratuity Act, 1972 के अंतर्गत आती है या नहीं।रिटायरमेंट या इस्तीफे के बाद 30 दिनों के अंदर Gratuity का दावा करें।भुगतान में देरी हो तो ब्याज या जुर्माना का दावा करें। टैक्स लाभ के लिए Gratuity की सही राशि और दस्तावेज़ दाखिल करें।

Gratuity कैसे मांगें?

Gratuity के लिए लिखित आवेदन करें। इसके लिए "Form I" (Claim Application) भरकर नियोक्ता को सेवा समाप्ति के 30 दिनों के भीतर जमा करें।अगर नियोक्ता जवाब नहीं देता है, तो आप Labour Department (श्रम विभाग) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।शिकायत Assistant Labour Commissioner (Central/State) या Controlling Authority (Payment of Gratuity Act, 1972 के तहत) के पास कर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक Gratuity वेबसाइट देखें। लिंक निचे दी गई है 


रविवार, 26 अक्टूबर 2025

महिलाओं के लिए ₹ 10 लाख तक की लोन स्कीम

Free loan scheme for women 2025


महिलाओं के लिए ₹ 10 लाख तक की लोन स्कीम  

भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें महिलाओं को ₹10 लाख तक का ऋण बिना किसी तारण के प्रदान कर रही हैं। यह योजना महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने, उसका विस्तार करने और आधुनिक बनाने के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए चलाई जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।महिलाओं के लिए प्रमुख सरकारी योजनाएँ 

1) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)

यह योजना भारत सरकार द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य देश के छोटे व्यवसायों को ऋण प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से छोटे व्यवसायों का विकास और विस्तार किया जाता है।

पात्रता :-

18 से 65 वर्ष तक की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं।यह बिना तारण का ऋण है।ब्याज दरें सस्ती होती हैं।इस योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।

2 ) महिला शक्ति योजना

यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए है, जिसमें ₹2 लाख तक का ऋण दिया जाता है। इसका उद्देश्य व्यवसाय के विस्तार और आधुनिकरण में सहायता करना है।

पात्रता :-

महिला उद्यमी जिन्होंने उद्यमी विकास कार्यक्रम (EDP) पूरा किया हो।सरल दस्तावेज़ीकरण के साथ सस्ते ब्याज दरों पर ऋण मिलता है।ऋण लेना आसान है।3) महिला उद्यम निधि योजना

यह योजना महिलाओं को ₹10 लाख तक का बिना तारण ऋण प्रदान करती है।

योजना का उद्देश्य :-

महिला उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने और उसे आधुनिक बनाने में वित्तीय सहायता देना।MSME के अंतर्गत आने वाले छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाना।छोटे उद्योगों के आधुनिकीकरण में मदद करना।

मुख्य विशेषताएँ :-

₹10 लाख तक का लोन बिना तारण।पुनर्भुगतान अवधि लगभग 10 वर्ष।5 वर्ष तक मोरेटोरियम अवधि।व्यवसाय की प्रोजेक्ट लागत का 75% तक बैंक लोन प्रदान करती है, बाकी 25% निवेशकर्ता को करना होता है।छोटे व्यवसाय के विस्तार या विविधीकरण के लिए भी लोन मिलता है।

Best business loan for women in India

इस योजना के अंतर्गत आने वाले व्यवसाय

 सिलाई, ब्यूटी पार्लर, बुनाई, पेंटिंग, बुटीक।फैशन डिजाइन यूनिट, राखी बनाना, मोमबत्ती बनाना।फूड प्रोसेसिंग जैसे मिनी आटा चक्की, पापड़, अचार, स्नैक्स।तेल मिल, कोल्ड स्टोरेज।डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, घी आदि।घरेलू वस्तुएं बनाना, जूट बैग, प्लास्टिक उत्पाद।स्टेशनरी, खिलौने, स्कूल के आइटम, माचिस, अगरबत्ती।ट्रेडिंग और रिटेल में किराना दुकान, कपड़ों की दुकान, कॉस्मेटिक्स शॉप, खिलौने, जूते आदि।

आवेदन के लिए मापदंड:-

केवल महिला उद्यमी (सोल प्रोप्राइटर, पार्टनर, डायरेक्टर) आवेदन कर सकती हैं।यदि व्यवसाय साझेदारी में हो, तो महिला की हिस्सेदारी कम से कम 51% होनी चाहिए।व्यवसाय MSME के अंतर्गत होना चाहिए, जो कि लघु उद्योगों से संबंधित हो।यह योजना स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के लिए आत्मरोजगार उपलब्ध कराना और आर्थिक सहयोग देना है।

आवेदन कैसे करें?

वर्तमान में यह योजना स्थानीय बैंक शाखाओं या उन NBFCs द्वारा चलाई जाती है जो इस योजना के लिए अधिकृत हैं। उदाहरण के लिए, Punjab National Bank (PNB) इस योजना को उपलब्ध कराता है।आपको पहले यह जांचना होगा कि आपका व्यवसाय इस योजना के अंतर्गत आता है या नहीं। इसके बाद आप संबंधित बैंक शाखा या NBFC से संपर्क करके आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

इस योजना की अधिक जानकारी के लिए इसके अधिकारक वेबसाइड को भेट दीजिये जिसकी लिंक निचे दी गए है |https://www.weact.in/financial-guide/bank-loans/mahila-udyam-nidhi-scheme?utm_

शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में


 
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2025

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2025

भारत सरकारने शुरू की है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जो किसानों के सम्मान में शुरू की गई है। यह योजना किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए है, खासकर उन किसानों के लिए जिनके खेतों में सूखे की वजह से खेती खर्चीली और फसल उत्पादन कम हो रहा है। किसानों को राहत देने के लिए भारत सरकार ने यह योजना 1 फरवरी 2019 को शुरू की थी।

👉 जानिए इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

किसानों को खेती के खर्चों जैसे बीज, खाद, कीटनाशक आदि खरीदने में आर्थिक सहायता देना ताकि वे अपनी फसलों की देखभाल सही तरीके से कर सकें और खेती के अन्य कार्य समय पर कर सकें।किसान सम्मान निधि योजना का लाभइस योजना के तहत हर योग्य किसान को ₹6,000 की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा दी जाती है। यह राशि तीन किश्तों में सालाना दी जाती है:

• अप्रैल-जुलाई के बीच ₹2,000

• अगस्त-नवंबर के बीच ₹2,000

• दिसंबर-मार्च के बीच ₹2,000

👉 योजना की पात्रता

जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर या उससे कम भूमि है, वे पात्र हैं।परिवार को एक इकाई माना जाता है, जिसमें पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं।

PM kisan yojna

कौन नहीं पाएगा लाभ?

1) सरकारी कर्मचारी यासेवानिवृत्तअधिकारी

2)आयकरदाता पेशेवर जैसे डॉक्टर, वकील, इंजीनियर आदि

राशि कैसे प्राप्त होती है?

योजना के पैसे सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से आवंटित होते हैं। जिसके लिए आधार और बैंक खाते लिंक होना आवश्यक है।राशि न मिल पाने के कारण आधार लिंकिंग में समस्या होने परe-KYC पूरा न करने परजमीन के रिकॉर्ड में गड़बड़ी होने पर|इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहयता देना है,ताकि वे खेती के काम को बेहतर तरीके से कर सकें और कर्ज की आवश्यकता कम हो सके। PM किसान योजना की 21वीं किस्त नवंबर 2025 में ₹2,000 की राशि के रूप में दी जाएगी। इसके लिए किसानों का e-KYC पूरा होना आवश्यक है, नहीं तो वे इस किस्त के लिए पात्र नहीं होंगे।इस योजना के तहत अब तक लगभग 13 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। भारत सरकार इस योजना के द्वारा किसानों का सम्मान और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।

👉 योजना शुरू करने का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर करना एवं खेती से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना, जिससे किसानों को कर्ज पर निर्भरता कम हो और खेती बेहतर हो सके।

👉 अगर आपने अभी तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन नहीं किया है, तो आज ही आवेदन करें। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

• आधार कार्ड (जो आपके बैंक खाते से लिंकहो)

• पासबुक की कॉपी

• जमीन से जुड़े दस्तावेज (खसरा-पत्र, खतौनी, 7/12)

• मोबाइल नंबर (OTP के लिए)

• पासपोर्ट साइज फोटो

👉 आवेदन के बाद आवेदन के बाद आपका डेटा राज्य सरकार द्वारा सत्यापित किया जाता है। सत्यापन के बाद आपकी पहली किस्त ₹2,000 आपके खाते में जमा कर दी जाती है।

अधिक जानकारी के लिए आपके लिए आप भारत सरकार अधिकारक वेबसाइट पर जाए लिंक नीचे दे दिए है|

👉 https://pmkisan.gov.in/




गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025

RBI Guidelines – कब होता है Account Inoperative”


Inoperative Account क्या होता है?”


 RBI Guidelines – कब होता है Account Inoperative

 अगर आप बैंक के सेविंग खाते की बात करें तो सभी लोगों का अलग-अलग बैंक में सेविंग खाता यानी बचत खाता होता है। कोई सेविंग खाता आपने नियमित सेविंग करने के लिए बैंक में खोलते हैं। लेकिन सरकार ने अगर आप किसी सरकारी योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो आपका बैंक खाता सेविंग खाता होना जरूरी होता है। कोई अपनी सैलरी के लिए खाता खोल लेते हैं। ऐसा करके आपके कई बैंक में अनेक खाते हो जाते हैं। पर किसी कारणवश आप ऐसे खातों पर व्यवहार नहीं करते या किसी एक ही खाते पर ज्यादा से ज्यादा व्यवहार करते हैं। क्या आप जानते हैं, कि व्यवहार न करने पर आपके खाते का क्या होता है? जब आप खाते पर व्यवहार नहीं करते हैं तो आपका खाता RBI Guidelines के अनुसार "Account Inoperative" हो जाता है। 

आइए जानते हैं कि Account Inoperative का मतलब क्या होता है।Inoperative Account क्या होता है?

  अगर बैंक के सेविंग खाते पर 1 साल या उससे ज्यादा समय तक कोई व्यवहार नहीं किया जाता है तो वह खाता निष्क्रिय (Inoperative) हो जाता है। इससे जब आप बैंक में खाते पर व्यवहार करने जाते हैं तो आपके खाते के व्यवहार रोक दिए जाते हैं। खाते पर व्यवहार का समय 1 से 2 साल तक हो सकता है, जो बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।Inoperative Account होने पर क्या होता है?बैंक का बचत खाता (Saving A/C) हो या चालू खाता (Current A/C), जब वे निष्क्रिय (Inoperative) हो जाते हैं तो ATM, चेक, ऑनलाइन व्यवहार आदि रोख दिए जाते हैं। लेकिन आपके खाते की राशि सुरक्षित रहती है।Inoperative Account के बारे मेंबैंक में आपका खाता Inoperative होने से पहले आपको मैसेज या नोटिस द्वारा सूचित किया जाता है। आपको इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह बहुत जरूरी होता है।

👉  Inoperative Account कैसे एक्टिव  करें?

   जब खाता निष्क्रिय (Inoperative) हो जाता है, तो आप उसे सक्रिय (Active) कर सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक में जाकर KYC डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और खाता ऑपरेटिव एप्लीकेशन फॉर्म भरकर जमा करना होगा। अगर आपकी E-KYC नहीं हुई है, तो वह भी करवानी पड़ेगी।

⚙️ जानिए बैंक खाते कितने साल में निष्क्रिय हो जाते हैं?

HDFC बैंक में खाता 12 महीने तक ATM या मोबाइल बैंकिंग में व्यवहार न करने पर निष्क्रिय (Inoperative) हो जाता है।SBI बैंक में भी 12 महीने तक कोई व्यवहार न होने पर खाता निष्क्रिय हो जाता है।ICICI बैंक, Axis बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, Kotak Mahindra बैंक, Bank of Baroda में भी 12 महीने की अवधि के बाद खाता निष्क्रिय हो जाता है।अगर आपने सही समय पर खाता सक्रिय नहीं किया तो खाता Inoperative ही रहता है। और अगर 10 साल तक कोई दावा नहीं किया गया तो बैंक उस राशि को "Unclaimed Deposit" मानकर RBI के DEAF (Depositor Education and Awareness Fund) में ट्रांसफर कर देता है। इससे भविष्य में पैसा क्लेम करना मुश्किल हो सकता है।

 निष्क्रिय खाते को सक्रिय करने में क्या करें?

जब आप निष्क्रिय (Inoperative) खाते को सक्रिय (Operative) नहीं करते तो पैसे निकालने में लंबी प्रक्रिया करनी पड़ती है। इसके लिए KYC वेरिफिकेशन और RBI की मंजूरी तक की जरूरत पड़ सकती है।इसलिए सावधानी से समय पर अपने निष्क्रिय खाते को सक्रिय करें और कठिनाइयों से बचें।अधिक जानकारी के लिए RBI Guidelines यहाँ देखें:

https://www.rbi.org.in/commonPerson/English/scripts/Notification.aspx?Id=1363


मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

बैंक लोन लेने के लिए कौनसी ब्याज प्रणाली अच्छी है?


Reducing method loan example in Hindi


बैंक लोन ब्याज प्रणाली क्या होती है?

जब आप बैंक से लोन लेने जाते हैं, तो बैंक आपको उस लोन पर लगने वाली ब्याज दर, EMI राशि और लोन की अवधि (repayment period) बताता है। पूरे अवधि के दौरान आपको कितना ब्याज देना होगा, यह भी बैंक पहले ही स्पष्ट कर देता है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि बैंक किस ब्याज प्रणाली (Interest System) के आधार पर आपका लोन दे रहा है।आइए समझते हैं कि बैंक लोन में ब्याज दर की प्रणालियाँ क्या होती हैं।

1) Simple Interest (साधारण ब्याज)

इस प्रणाली में ब्याज केवल आपके मूलधन (Principal) पर लगता है। ब्याज दर तय अवधि (महीना या साल) के हिसाब से तय रहती है। यह ब्याज दर आमतौर पर छोटे लोन जैसे — सोने पर लोन, पर्सनल लोन या शॉर्ट टर्म लोन में प्रयोग की जाती है।उदाहरण: अगर आपने ₹1,00,000 का लोन 10% ब्याज दर पर लिया है, तो आपको कुल ₹10,000 ब्याज देना होगा, EMI कैसे भी दें — ब्याज राशि नहीं बदलती।

2) Compound Interest (चक्रवृद्धि ब्याज)

इस ब्याज प्रणाली में ब्याज मूलधन के साथ-साथ पिछले वर्षों के ब्याज पर भी लगाया जाता है। यानी ब्याज “ब्याज पर भी” जुड़ता है, जिससे ऋण तेजी से बढ़ता है।उदाहरण:पहले साल ₹1,00,000 पर 10% ब्याज = ₹1,10,000दूसरे साल ब्याज ₹1,10,000 पर लगेगा = ₹1,21,000इस तरह हर साल ब्याज बढ़ता जाता है।बैंक ब्याज दर के प्रकार

1) Fixed Interest Rate (स्थिर ब्याज दर)

इस प्रणाली में लोन की पूरी अवधि में एक ही ब्याज दर लागू रहती है, जिससे EMI स्थिर (fixed) रहती है। यह लोन बजट के अनुसार योजना बनाने में आसान बनाता है।हालाँकि, अगर बाजार में ब्याज दर घट जाए, तो भी आपकी ब्याज दर समान रहती है।

2) Floating Interest Rate (परिवर्ती ब्याज दर)

इसमें ब्याज दर समय-समय पर RBI के रेपो रेट या बैंक MCLR के अनुसार बदलती रहती है।अगर ब्याज दर घटे तो EMI भी कम हो जाती है, और बढ़े तो EMI भी बढ़ जाती है।यह ब्याज प्रणाली लंबी अवधि वाले लोन जैसे होम लोन या एजुकेशन लोन के लिए बेहतर मानी जाती है।

3) Reducing Interest Rate (घटता ब्याज दर)

इस प्रणाली में ब्याज केवल बकाया राशि (Outstanding Principal) पर लगाया जाता है। जैसे-जैसे आप हर महीने EMI भरते हैं, मूलधन घटता जाता है, और उसके अनुसार ब्याज भी घटता है।इसी को Diminishing Interest Rate भी कहा जाता है।

उदाहरण:

₹1,00,000 के लोन पर 12% ब्याज दर और 1 वर्ष की अवधि हो, तो हर महीने EMI देने के बाद अगले महीने ब्याज घटे हुए बैलेंस पर लगेगा।इसके विपरीत Flat Rate Method में पूरे साल के लिए ब्याज एक ही मूलधन पर लगाया जाता है, भले ही आप लगातार EMI भर रहे हों।कौन सी ब्याज प्रणाली किस लोन के लिए बेहतर है?शॉर्ट टर्म लोन (जैसे पर्सनल या गोल्ड लोन): फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट बेहतर होती है क्योंकि EMI स्थिर रहती है।लॉन्ग टर्म लोन (जैसे होम या एजुकेशन लोन): फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट लाभदायक होती है क्योंकि समय के साथ दरें घटने पर EMI कम हो सकती है।लोन लेने से पहले हमेशा बैंक या वित्तीय संस्था की ब्याज दर प्रणाली को ध्यान से समझें और तभी निर्णय लें। इससे आपको सही योजना बनाने में मदद मिलेगी और अनावश्यक ब्याज भार से बचा जा सकेगा।

रविवार, 19 अक्टूबर 2025

अब 500 के नोट के बारे में RBI Guidlines


RBI Guidelines 500 रुपये नोट 2025

अब 500 के नोट के बारे में RBI Guidlines 

RBI Guidelines पर 500 रुपये के नोट की पूरी जानकारीभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 500 रुपये के नोट के उपयोग, विनिमय और सत्यापन के लिए नए नियम जारी किए हैं। इन Guidelines के अनुसार अब 500 रुपये के नोट को लेकर किसी भी प्रकार का भय या भ्रम खत्म हो गया है। यह नोट पूरी तरह से वैध हैं और इनके व्यवहार में कोई रोक नहीं है।500 रुपये के नोट को लेकर अफवाहें क्यों?पिछले कुछ समय में 500 रुपये के नोट को लेकर कई अफवाहें फैली हैं, खासकर 2000 रुपये के नोट के बंद होने के बाद। बाजार में नकली नोटों की बढ़ती समस्या के कारण कई लोग डर गए हैं कि क्या 500 रुपये के नोट सही हैं या नहीं। इन अफवाहों से आम जनता और व्यापारियों दोनों की जानकारियों में भ्रम पैदा हुआ था।RBI ने इन झूठी अफवाहों को खत्म करने के लिए स्पष्ट बयान जारी किया है। RBI ने कहा है कि 500 रुपये के नोट पूरी तरह से वैध हैं और इन नोटों का उपयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है।

 नोटों को लेकर कोई बंदिश या रोक नहीं है।नकली नोटों से कैसे बचें?बाजार में नकली 500 और 200 रुपये के नोट ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इसका मुख्य कारण उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करके नकली नोट तैयार करना है। RBI ने लोगों से अपील की है कि वे नकली नोटों को पहचानने के लिए असली नोट की विशेषताओं को समझें।नकली या फेक करेंसी की पहचान करना बहुत जरूरी है ताकि आप नकली नोटों का व्यवहार में विरोध कर सकें। RBI ने इसके लिए एक ऑफिसियल वेबसाइट भी बनाई है जहां आप नोट की असली खासियत जान सकते हैं और नकली नोटों से बचाव कर सकते हैं:

https://paisaboltahai.rbi.org.in/?utm_source

पुराने और फटे नोट बदलने की सुविधाRBI ने क्लीन नोट पॉलिसी लागू की है जिसके तहत अब आप अपने पुराने, फटे, या खराब हुए 500, 200, और 100 रुपये के नोट अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर बदलवा सकते हैं।बैंकिंग संस्थानों को RBI ने निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे नोटों को स्वीकार करें और ग्राहकों को मरम्मत या नए नोट उपलब्ध कराएं।

  इसलिए अब आपको ATM या ग्राहक से मिली खराब नोटों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।यदि आपके पास फटे हुए नोट हैं तो आप बैंक जाकर नोट बदलने के लिए आवश्यक फॉर्म भर सकते हैं और बदले हुए नोट प्राप्त कर सकते हैं।500 रुपये के नोट बंद होने की अफवाह गलतकुछ मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह गलत खबर भी फैल रही है, कि RBI 500 रुपये के नोट बंद करने का निर्णय लेने वाला है।

  यह पूरी तरह से गलत है। RBI ने इस बात को साफ कर दिया है कि 500 रुपये के नोट बंद नहीं हो रहे हैं और आगे भी जारी रहेंगे।इसलिए 500 रुपये के नोट को लेकर किसी भी अफवाह या भ्रांतियों में न फंसें और इसे पूरी तरह वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करें।जनता के लिए RBI का संदेशRBI का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और मुद्रा प्रणाली को सुरक्षित बनाना है। नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिए यह जरूरी है कि हर नागरिक सही जानकारी रखे और नकली नोटों से बचाव करे।RBI ने सभी नागरिकों को कहा है कि वे नकली नोटों की पहचान करें, अफवाहों में न आएं और सरकारी नोटों को ही अपनाएं।नोटों की सही पहचान कैसे करें?RBI ने नोटों की विशेषताएं विस्तार से बताई हैं ताकि आम लोग नकली और असली नोट में फर्क समझ सकें। नोट पर जल चिह्न, रंग बदलने वाला धागा, अंक दिखाई देने वाली परत जैसी कई विशेषताएं होती हैं। 

सही पहचान के लिए RBI की वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी मिलती है।निष्कर्ष500 रुपये के नोट पूरी तरह से वैध हैं।इन नोटों का व्यवहार स्वतंत्र रूप से करें।RBI ने इन नोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं बनाई है।पुराने या फटे नोट आप बैंक में जाकर आसानी से बदल सकते हैं।नकली नोटों से सावधान रहें और RBI की आधिकारिक साइट से जानकारी लें।अधिक जानकारी के लिए आप RBI के आधिकारिक पेज पर जा सकते हैं:

https://rbi.org.in/commonman/English/Currency/Scripts/ExchangeOfNotes.अस्पक्स

इस जानकारी के साथ आप बिना किसी डर के 500 रुपये के नोट का सुरक्षित और सही उपयोग कर सकते हैं।इस संशोधित पोस्ट में सभी महत्वपूर्ण स्पेलिंग और व्याकरण संबंधी गलतियाँ ठीक कर दी गई हैं।क्या आप चाहेंगे कि इसे और अधिक औपचारिक या सरल भाषा में ढालूं?

 

दीपावली पूजन और विधी


 दीपावली पूजन और विधी

दीपावली पूजा विधि


✴️ दीपावली भारत का सबसे बड़ा त्योहार है, जिसे प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है। यह सबसे प्रकाशमय त्योहार है और खुशियों का प्रतीक है। दीपावली पर दीप प्रज्वलित किए जाते हैं, इसलिए इसे दीपों का उत्सव (दीप उत्सव) भी कहा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है, जो सामान्यतः अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दीपावली का अर्थ है "दीपों की पंक्ति"। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भारतवर्ष में हर साल इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हर घर दीपों की रोशनी से झिलमिल करता है, चाहे गरीब की झोपड़ी हो या अमीर का महल।पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीराम जब 14 वर्षों के वनवास के बाद लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घर-घर दीप जलाए। उसी दिन से दीपावली का पर्व मनाया जाता है।

दीपावली के पांच दिन

धनतेरस: इस दिन लोग घर में नई वस्तुएं, विशेषकर सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन, खरीदते हैं। इस दिन धन्वंतरि की पूजा की जाती है।

नरक चतुर्दशी:

 इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। सभी घरों की सफाई और सजावट होती है।

दीपावली (मुख्य दिन): 

इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। हर घर में दीपक जलाए जाते हैं, मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और आतिशबाजी होती है।

गोवर्धन पूजा:

 इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा करने की स्मृति में पूजा होती है।

भाऊबीज:

 यह भाई-बहन के प्यार का त्योहार है। बहन, भाई को तिलक लगाकर शुभकामनाएँ देती है।सामाजिक संदेश दीपावली केवल धार्मिक पर्व नहीं है, यह सामाजिक एकता और प्रेम का संदेश भी देती है। यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश, और अज्ञान से ज्ञान की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

दीपावली की पूजा विधि

दीपावली का मुख्य त्योहार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर जी एवं सरस्वती जी की विधिवत पूजा की जाती है, जिससे घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहे।पूजा का शुभ समय और सामग्रीपूजा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद, अंधेरा होने से पहले, लगभग शाम 5:00 से 8:30 बजे तक) में करना शुभ रहता है।पूजा के लिए: चौकी या लकड़ी की पटिया, लाल कपड़ा, मां लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर, दीपक (तेल या घी की वाति), धूप, अगरबत्ती, फूल, माला, चंदन, हल्दी, कुंकू, अक्षत, मिठाई, पान-सुपारी, लौंग-इलायची, कलश, नारियल, मौली, जल, घी, सिक्के, खील-बताशे और फल आदि।

पूजा की विधि

घर की अच्छी तरह सफाई करें।पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की स्थापना करें।पास में धन का प्रतीक मानकर सिक्के या तिजोरी रखें और उस पर स्वस्तिक बनाएं।दीप जलाकर भगवान को प्रणाम करें, चारों ओर दीप जलाएं।दाएं हाथ में जल, फूल, अक्षत लेकर प्रार्थना करें।

सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें, फिर मां लक्ष्मी को फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।लक्ष्मी जी के चरणों में सिक्के रखें।अंत में गणेश जी की आरती करें, फिर मां लक्ष्मी की।घर के सभी स्थानों पर दीपक जलाएं, जिससे वातावरण शुभ हो जाता है।पूजा के बाद सभी को मिठाइयाँ बाँटें। कुछ दीपक घर के बाहर, तुलसी के पास, और दरवाजे पर जलाएँ।पूजा विधि के समय सभी घर के सदस्य एक साथ रहें और सकारात्मक बातें करें, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।और परिवार के सुख समृद्धि प्राप्त हो इस के लिए प्रार्थना करें |

गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

कामयाब निवेशको के 10 गुण कौन से हैं


 

Rules for investment success

💰कामयाब निवेशको के 10 गुण कौन से हैं ?

आजकल हर कोई अपनी पूंजी को सही जगह लगाना चाहता है, क्योंकि वह विशिष्ट अवधि पर उसके काम आ जाए और अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर सके। इसके लिए वह प्रयासरत रहता है। सभी निवेशकों की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। निवेश के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

किसी को भविष्य के लिए पैसा बनाना है (Wealth Creation)

किसी को बुढ़ापे में रिटायरमेंट की तैयारी करनी है

अपनी बच्चों की शिक्षा या शादी का खर्चा जमा करना है

किसी को अपने लिए लग्ज़री गाड़ी या घर खरीदना है

नियमित आय के लिए निवेश करना है

इन सभी लोगों की जरूरतें अलग हैं, इसलिए निवेश करने का समय और अवधि भी अलग-अलग होगी, जैसे कि लांग टर्म निवेश और शॉर्ट टर्म निवेश।

1) लक्ष्य स्पष्ट कीजिए (Fix Goal)

जो लोग सही तरह से निवेश करना चाहते हैं, वे अपना पहला लक्ष्य फिक्स करते हैं। यानी निवेश किस लिए करना है, यह तय करते हैं। सभी के लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं, जैसे बच्चों की शादी, भविष्य की जरूरतें पूरी करना आदि। बिना लक्ष्य के निवेश करना अंधेरे में तीर चलाने जैसा है।

2) वित्तीय ज्ञान (Financial Literacy)

वित्तीय ज्ञान से ही सही तरीके से निवेश किया जा सकता है। इसके लिए आपको वित्तीय टर्म्स की जानकारी होनी चाहिए, जैसे Inflation, Compound Interest, Risk, Diversification, SIP, P/E Ratio आदि।

Inflation (मुद्रास्फीति/महंगाई): 

समय के साथ वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं। उदाहरण के लिए, 1000 रुपये की वस्तु 5 साल बाद 1300 रुपये की हो सकती है। महंगाई को समझना जरूरी है।

Compound Interest (चक्रवृद्धि ब्याज): 

यदि आप 10,000 रुपये 8% ब्याज पर निवेश करते हैं, तो पहले साल 10,800 और दूसरे साल करीब 11,864 रुपये होंगे। यह निवेश में तेजी लाता है।

Risk (जोखिम): 

निवेश में लाभ और हानि दोनों संभव हैं। उच्च जोखिम पर अधिक लाभ भी होता है।

Diversification (जोखिम को बाँटना):

 निवेश को अलग-अलग जगह बांटना चाहिए, जैसे FD, गोल्ड, शेयर, म्यूचुअल फंड आदि, ताकि जोखिम कम हो।

SIP (Systematic Investment Plan): म्यूचुअल फंड में मासिक निवेश करना compounding का लाभ देता है।

3) धैर्य और दीर्घकालीन दृष्टि (Patience and Long-term Vision)

निवेश करते समय धैर्य रखना चाहिए और लंबी अवधि के रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए। सफल निवेशक जल्दबाजी नहीं करते, बल्कि समय देते हैं।

4) वित्तीय जोखिम प्रबंधन (Financial Risk Management)

निवेश में जोखिम होता है, इसलिए उसका प्रबंधन जरूरी है। पोर्टफोलियो बनाते समय Diversification करें, ताकि जोखिम के स्तर को सही तरह बांटा जा सके।

5) सही अनुशासन (Discipline)

नियमित निवेश और अनुशासन आवश्यक है। मार्केट के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना निवेश जारी रखना चाहिए।

6) भावनात्मक नियंत्रण (Emotional Control)

सफल निवेशक अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखते हैं। मार्केट गिरने पर घबराते नहीं और बढ़ने पर लालच में नहीं खरीदते।

7) रिसर्च और विश्लेषण (Research and Analysis)

किसी भी फंड में निवेश से पहले उसका फंडामेंटल एनालिसिस करें। कंपनी के क्वार्टरली रिजल्ट, प्रॉफिट ग्रोथ, मैनेजमेंट क्वालिटी आदि को देखें।


8) नियमित समीक्षा करें (Regular Review)

समय-समय पर निवेश की समीक्षा करना चाहिए और आवश्यक होने पर पुनः संतुलन (Rebalance) करना चाहिए।

9) सुरक्षित बीमा (Adequate Insurance)

अपने और परिवार के लिए लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस करवाना जरूरी है ताकि दुर्घटना या बीमारी के वित्तीय प्रभाव से बचा जा सके।

10) निरंतर सीखना (Continuous Learning)

मार्केट और नीतियां लगातार बदलती हैं। सफल निवेशक हमेशा नयी जानकारियां सीखते रहते हैं और खुद को अपडेट रखते हैं।

सफलता सिर्फ पैसे से नहीं, बल्कि सही सोच, धैर्य, अनुशासन और ज्ञान से भी तय होती है। हमेशा इन्हें साथ लेकर निवेश करें।

सोमवार, 6 अक्टूबर 2025

Stress कैसे कम करे ?




Stress kaise kam kare


Stress कैसे कम करे?


आज की सुपर सुपरफास्ट जिंदगी में सभी लोगों का एक बिजी शेड्यूल हो रहा हैं। उसमें वह अपने लिए समय निकाल नहीं सकता। हर समय वह काम में बिजी रहने से इस तेज रफ्तार भरी जिंदगी में हर किसी को कभी ना कभी स्ट्रेस (तनाव) होता है। चाहे वह नौकरी का दबाव हो या परिवार की जिम्मेदारी या पैसे की चिंता, स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है। इस स्ट्रेस से मानसिक और शरीर पर गहरा असर पड़ सकता है। स्ट्रेस ही असल में कई बीमारियों का मूल कारण हो जाता हैं। इस स्ट्रेस को कम करना हो तो जान लिीजिए तनाव को कम करने के 7 आसान उपाय।

1. गहरी सांस ले (deep breathing)


गहरी सांस लेने से आपके दिमाग के लिए ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है, और आपका नर्वस सिस्टम शांत हो जाता है। ये आप रोज 5 मिनट या 8 मिनट तक कर सकते हैं। इसे कैसे करें 

आप 4 सेकंड तक अंदर-अंदर लें।

7 सेकंड रोक ले 

8 सेकंड मे आप धीरे धीरे छोडे 

2) मेडिटेशन और योग करे 

मेडिटेशन स्ट्रेस कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। दिन में आप 10 मिनट तक मेडिटेशन करने से आपका स्ट्रेस कम हो जाता है। योगासन में शवासन, बालासन और प्राणायाम स्ट्रेस कम करने में फायदेमंद साबित हो सकताे हैं।

3) मोबाइल से थोडा ब्रेक ले 

ज्यादा तर लोगो stress का कारण social media, और ओव्हरलोड जाणकारी से भी आता हैं| ईसिलिये रोज कुछ समय के लिये आप डिजिटल डिटॉक्स करें। ये सबसे अच्छा तरीका रहेगा स्ट्रेस कम करने के लिये। मोबाइल से या सोशल मीडिया से दुूर रहें।

4) पर्याप्त नींद ले 

Stress बडणे का सबसे बडा कारण नींद पूरी न होना ही हो सकता है। इसीलिए आपको हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है। मोबाइल या सोशल मीडिया से दुूर रहें।

5) नियमित व्यायाम करे (exercise)


आप जब exercise करते हैं, तो शरीर में से endorphins निकलते हैं, जो आपके natural “happy hormones” हैं। आप हर रोज 30 मिनट तक 

Walk,cycling या आप योगा करे|

6) संतुलित आहार 


संतुलित आहार आपके शरीर के लिए बहुत जरुूरी है। जब आप जंक फूड खाते हैं या ज्यादा कैफीन लेते हैं, तो स्ट्रेस बढ़ता है। आपने भोजन में ये आहार शामीिल करें,
सब्ज़ियाँ, ताजे फल 

Dried fruits 

दिन में पानी ज्यादा पिएं; संतुलित आहार से आपका मूड ताजा रहता है।

7) आपनी बाते शेअर करे,

अगर आप किसी अपने से बात करते हो, तो भी stress कम हो जाता है। आप अपने feelings किसी दोस्त या अपने से शेअर कर सकते हैं जो सही में आपकी बात की कदर करता हो।

8) आपने माइंड को positive रखने के लिये 

अगर आप अपने माइंड को पॉजिटिव रखना चाहते हैं, तो ये बातें आप कर सकते हैं। हर रात “Gratitude Journal” लिखें कि आज के दिन में 3 अच्छी चीजें कौनसी हुईं। इससे पॉजिटिव माइंड बना रहता है। इससे स्ट्रेस कम होता है। इससे अपने रोज के जीवन में काम करने में आसानी होती है।

निष्कर्ष 
आज आजकल तेज और फास्ट जीवनशैली में आप नौकरी करने वाले इंसान हों या बिजनेसमैन, सभी के जीवन में समस्याएँ तो बनती हैं, और उसका स्ट्रेस जीवन का हिस्सा है, लेकिन उसे काबू में रखना आपके हाथ में है। इसमें थोड़े अनुशासन, सेल्फ-केयर और माइंडफुलनेस से आप अपने जीवन को शांत और खुशहाल हाल बना सकते हैं। आपकी स्ट्रेस आपके व्यवहार पर निर्भर करती है; आप उसे कैसे हैंडल करते हैं। इसिलिए आप अपने जीवन में
Stress का मॅनेजमेंट करना सीख ले।






रविवार, 5 अक्टूबर 2025

Quarter result कैसे Anlysis करे


 

Quarter result Analysis

Quarter result कैसे Anlysis करे 

अगर आप अच्छे निवेशक (investor) हैं तो आपने क्वार्टर रिजल्ट (Quarter result) का एनालिसिस किया होगा और उसके बारे में जानते होंगे। क्वार्टर एनालिसिस करने से आप उस कंपनी के तीन महीने के प्रोग्रेस कार्ड की रिपोर्ट समझ पाते हैं। यह कंपनियां भारत की जो स्टॉक मार्केट की कंपनियां हैं, SEBI के नियमों के अनुसार, जो स्टॉक मार्केट NSE, BSE में लिस्टेड हैं, उन सभी कंपनियों को Listing Regulation के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। SEBI यानी Securities and Exchange Board of India।

SEBI (LODR) Regulation 33 के अनुसार हर लिस्टेड कंपनी को हर तीन महीने में अपनी प्रगति रिपोर्ट यानी क्वार्टर रिजल्ट प्रकाशित करनी पड़ती है।

क्वार्टर रिजल्ट से कंपनी अपने निवेशकों को समय-समय पर जानकारी उपलब्ध कराना SEBI के नियमों के अनुसार अनिवार्य होता है।

इससे कोई भी कंपनी या बैंक अपनी खराब हालत छिपा नहीं पाएगी, मार्केट में विश्वास बना रहेगा। इसलिए SEBI ने सभी SEBI लिस्टेड कंपनियों को क्वार्टर रिजल्ट प्रकाशित करना अनिवार्य किया है।

क्वार्टर रिजल्ट से कंपनी का कितना प्रॉफिट या लॉस हुआ, सेल्स में ग्रोथ कितनी हुई, और कंपनी के लोन की जानकारी मिलती है।

इससे एक निवेशक भरोसे के साथ कंपनी में निवेश कर सकता है। इसे हम फियरलेस इन्वेस्ट (fearless invest) कहते हैं।

1) क्वार्टर रिजल्ट क्या होता है?

हर SEBI लिस्टेड कंपनी (जैसे HDFC Bank, TCS, Reliance, Infosys आदि) हर तीन महीने में अपना वित्तीय (financial) रिपोर्ट जारी करती है, जिसे क्वार्टर रिजल्ट कहते हैं।

क्वार्टर रिजल्ट साल में चार बार प्रकाशित किया जाता है जैसे Q1, Q2, Q3, Q4। इसमें कंपनी अपनी प्रगति रिपोर्ट दिखाती है, जिसमें आप देख सकते हैं:

• कंपनी ने तीन महीने में कितना रिवेन्यू कमाया यानी कुल आय (total income)।

• कितना प्रॉफिट हुआ (net profit)।

• कितना खर्च हुआ (expenses)।

• पिछले क्वार्टर रिजल्ट में कितना था और अब कितना है यह प्रदर्शन रिपोर्ट इसमें दिखाया जाता है। इसका विश्लेषण (analysis) करना पड़ता है।

क्वार्टर रिजल्ट देखने के लिए आपको विश्वसनीय (trusted) वेबसाइट जैसे NSE India, BSE India, Money Control आदि पर जाना चाहिए।

2) एनालिसिस के पॉइंट्स

A) देखिए कंपनी की सेल्स इनकम पिछले क्वार्टर रिजल्ट से बढ़ी है या घटी है। उदाहरण के लिए, अगर कंपनी का पिछले क्वार्टर में 20,000 करोड़ का सेल्स था और अब 21,000 करोड़ हो गया है, तो ग्रोथ 5% हुई है।

B) नेट प्रॉफिट (EPS - Earnings Per Share)

कंपनी का प्रॉफिट बढ़ा या घटा, यह देखने के लिए EPS निकालना चाहिए। EPS निकालने का फॉर्मूला:

EPS=ProfitTotal SharesEPS=Total SharesProfit

EPS बढ़ना चाहिए।

C) ऑपरेटिंग मार्जिन (Operating Margin)

यह आपको बताता है कि ऑपरेटिंग में कितना खर्चा हुआ और उससे मार्जिन क्या है।

Operating Margin Ratio=Operating ProfitNet Sales×100Operating Margin Ratio=Net SalesOperating Profit×100

20% ऑपरेटिंग मार्जिन अच्छा माना जाता है।

D) डेट-टू-इक्विटी रेश्यो (Debt-to-Equity Ratio)

यह रेश्यो दर्शाता है कि कंपनी पर कर्ज कितना है। एक निवेशक के लिए इसे निकालना जरूरी है।

Debt Ratio=Total LiabilitiesTotal AssetsDebt Ratio=Total AssetsTotal Liabilities

उदाहरण:

Total liabilities = 40,00,000

Total assets = 1,00,00,000

Debt Ratio = 0.4

मतलब यह कंपनी कर्ज में है। जितना ज्यादा कर्ज होगा, रिस्क भी उतना ज्यादा होगा। अनुपात 0.4 रिस्क दिखाता है। 0.3 से कम अनुपात अच्छा माना जाता है।

E) रिटर्न ऑन इक्विटी (Return on Equity - ROE)

यह दिखाता है कि कंपनी इक्विटी कैपिटल पर कितना आय (income) कमा रही है।

ROE=Net Profit after taxShareholder Equity×100ROE=Shareholder EquityNet Profit after tax×100

अच्छा ROE 20% माना जाता है। जितना ROE ज्यादा होगा, उतना ही बेहतर है।

F) मैनेजमेंट कमेंट्री (Management Commentary)

कंपनी रिजल्ट के साथ बताती है कि आने वाले महीनों में ग्रोथ कैसी होगी, मैनेजमेंट का आउटलुक क्या रहेगा, कंपनी क्या नया ला रही है, और इससे क्या ग्रोथ होगी। यह पॉजिटिव नजरिया देता है। पिछले क्वार्टर रिजल्ट की तुलना में अब क्या बेहतर है और भविष्य में क्या रणनीति होगी, इसके बारे में बताया जाता है।

सलाह

कंपनी या बैंक में निवेश कर रहे हैं तो उस क्वार्टर का रिजल्ट और पिछले दो क्वार्टर जरूर देखना चाहिए क्योंकि इससे आपकी निवेश सुरक्षित होती है। अधिक जानकारी के लिए SEBI की गाइडलाइंस पढ़ें, उसकी लिंक नीचे दी गई है।

https://www.sebi.gov.in/sebiweb/home/HomeAction.do?doListing=yes&sid=1&smid=0&ssid=3&utm_source








Gratuity (ग्रेच्युटी) के नए नियम 2025

Gratuity (ग्रेच्युटी) के नए नियम 2025 Gratuity (ग्रेच्युटी) अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या किसी निजी कंपनी में काम करते हैं तो यह सभी के लि...